देहरादून:- सड़क पर आगे निकलने की होड़ में कई बार वाहन चालक लेन की दूसरी तरफ चले जाते हैं या लेन तोड़कर आगे निकल जाते हैं, जिसके कारण अक्सर जाम की संभावना बन जाती है। चौक, चौराहों, रेलवे स्टेशन व सिंगल रोड पर यह समस्या आम बनी हुई है। यदि वाहन चालक अपनी लेन पर चले तो यातायात जाम की समस्या कम हो सकती है।
समस्या को देखते हुए पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने सख्ती दिखाई है। उन्होंने पुलिस को निर्देशित किया है कि लेन परिवर्तन और भारी वाहनों को सड़क के दाहिनी ओर दौड़ाने पर मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्रवाई की जाए।
दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए उठाए गए कदम की समीक्षा की
डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि राज्य में नए हाईवे के निर्माण के बाद चार बड़े जनपदों देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर और नैनीताल की यातायात व्यवस्था और सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए उठाए गए कदम की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि इन चार बड़े जनपदों में हाईवे बन जाने के बाद यातायात की ड्यूटियों में परिवर्तन होने के साथ ही नई चुनौतियां सामने आई हैं।
इन चुनौतियों का हमें जनता के साथ संवाद स्थापित करते हुए नई पहल के साथ समाधान निकालना है। इस मौके पर अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था वी मुरूगेशन, पुलिस महानिरीक्षक व निदेशक यातायात मुख्तार मोहसिन, पुलिस महानिरीक्षक, कुमाऊं परिक्षेत्र नीलेश आनंद भरणे, पुलिस महानिरीक्षक, गढ़वाल परिक्षेत्र करन सिंह नगन्याल भी मौजूद रहे।
डीजीपी ने यह भी दिए दिशा निर्देश👇
1- नो पार्किंग में वाहन खड़ा करने वालों के विरुद्ध पीपीपी मोड पर आधारित देहरादून में संचालित टोइंग क्रेन सेवा को अन्य जनपदों में भी लागू किया जाए।
2- यात्रा सीजन के लिए पर्याप्त संख्या में पीआरडी जवानों की मांग कर ली जाए साथ ही उन्हें यातायात प्रबंधन का प्रशिक्षण देकर यातायात ड्यूटी पर लगाया जाए।
3- मसूरी व नैनीताल में दो-दो सीपीयू हाक मोबाइल स्थायी रूप से तैनात किए जाएं।
4 – हाईवे पर ओवरस्पीड की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस अधीक्षक यातायात एआरटीओ से समन्वय स्थापित कर स्पीड निर्धारित करा लें।
5- हाईवे पर अतिक्रमण न हो, आम जनता का सुचारू आवागमन सुनिश्चित किया जाए।
6- चीला मार्ग पर बीन नदी पर बने रपटे के दोनों तरफ वायरलेस सेट के साथ पुलिसकर्मी नियुक्त किया जाएं।
7- चारधाम यात्रा में वापसी के लिए गरुड़चटी से बैराज होते हुए चीला मार्ग का उपयोग किया जाए। गरुड़चटी से बैराज तक वन-वे व्यवस्था लागू करने के लिए अपर पुलिस अधीक्षक कोटद्वार, पुलिस उपाधीक्षक टिहरी और पुलिस उपाधीक्षक ऋषिकेश को निर्देशित किया गया।