चमत्कार: विशालकाय समुद्र में बह गया 14 साल का बच्चा गणेश मूर्ति के फ्रेम के सहारे 24 घण्टे तक तैरता मिला,
चमत्कार को नमस्कार :-गुजरात के सूरत से “जाको राखे साइँया मार सके न कोय” वाली कहावत चरितार्थ होती मिली । सूरत के स्कूल में 5वींकक्षा का छात्र लखन जोकि अपनी दादी सविताबेन व भाई करण व अंजली के साथ मंदिर में दर्शन के लिए शुक्रवार को डुमस समुद्र तट पर गया था। समुद्र में बह गया और लगभग 24 घण्टे तक विसर्जित की गई गणेश मूर्ति के फ्रेम के सहारे विशालकाय समुद्र में सकुशल तैरता रहा।
दादी बच्चों की जिद पर उन्हें समुद्र तट पर सैर कराने ले गई थीं
दरअसल, बच्चे अपनी दादी के साथ अंबाजी मंदिर गए थे। बाद में बच्चों की जिद पर दादी उनको डुमस बीच पर सैर कराने ले गई। बीच पर पहुंचते ही लाखन और करण समुद्र किनारे खेलते-खेलते नहाने लगे। दादी सविताबेन तट से दूर आ गई, लेकिन दोनों भाई नहाने की जिद पर अड़े रहे। जब लखन और करण पानी मे नहा रहे थे तो अचानक समुद्र में एक तेज लहर उठी और दोनों भाई समुद्र की लहरों की चपेट में आ गए समुद्र किनारे मौजूद लोगों ने बच्चों को डूबता देख बचाने की कोशिश की तो करण को तो उन्होंने बचा लिया परन्तु लखन लहरों में कही गुम हो गया।
लखन के परिवार के लोग उसे अगले दिन तक ढूंढ़ते रहे, लेकिन वह कहीं नहीं मिला। सबने समझ लिया कि अब वह जिंदा नहीं बचा। लेकिन इसके बाद चमत्कार हुआ और परीजनो को लखन के जिंदा होने की खबर मिली ।
जाको राखे साइँया मार सके न कोय:
लखन के गुम होने के बाद से ही रेस्क्यू, फायर, गोताखोर और मछुआरों की टीमें बच्चे को तलाश रही थीं। शनिवार देर शाम को कुछ मछुआरों की नजर लड़के पर पड़ी। पहली नजर में उन्हें लगा कि बच्चे की लाश तैर रही है, लेकिन जब मछुआरे उस तक पहुंचे तो देखा कि वह भगवान गणेश की एक मूर्ति के फ्रेम को पकड़े हुए था।
हालांकि लड़का बदहवास हालत में था, लेकिन उसकी सांसें चल रही थीं। मछुआरों की सूचना पर रेस्क्यू और मेडिकल टीम भी बच्चे के पास पहुंचीं और प्राथमिक इलाज के बाद उसे हॉस्पिटल में एडमिट करवाया।।
बता दें कि सौभाग्य से लखन को गहरे समुद्र में विसर्जित किए गए गणेश मूर्ति की लकड़ियों से बने फ्रेम का सहारा मिला। वह समुद्र में 24 घंटे तक मूर्ति के फ्रेम को पकड़े रहा । तट से 18 नॉटिकल माइल्स की दूरी पर वह समुद्र में लहरा रहा था। तभी वहां से मछली पकड़ने वाली नाव ‘नवदुर्गा’ गुजरी। कुछ बहता देखकर मछुवारे तुरंत वहां पहुंचे। उन्होंने लखन बचाकर नाव में बिठा लिया।
लाखन को नवसारी के धोआली बंदरगाह पर लाया गया । तट पर नाव के पहुंचने से पहले पुलिस को सूचना दे दी गई। नाव के तट पर पहुंचने से पहले वहां एंबुलेंस पहुंच गई थी। पुलिस के मुताबिक 14 साल का लखन 36 घंटे बाद परिवार से मिला। परिवार को जब इसकी सूचना दी गई तो मातम मना रहे लोगों की आंखों में खुशी के आंसू आ गए। बच्चे को नवसारी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
मौत के मुंह से सकुशल बचकर आये बच्चे को अस्पताल में देखने के लिए भीड़ जुट गई। गुजरात भाजपा अध्यक्ष और सांसद सीआर पाटिल भी उसका हालचाल लेने अस्पताल पहुंचे। पाटिल ने लखन से कहा कि उसे मिली नई जिंदगी का वह अच्छा इस्तेमाल करे और पढ़-लिखकर डॉक्टर बने। पाटिल ने मीडिया से कहा कि वह भी इस बात से हैरान हैं कि एक छोटा बच्चा समुद्र में इतने देर तक गणेश मूर्ति के फ्रेम के सहारे तैरता रहा और डूबने से बच गया यह गणपति बप्पा की ही लीला है।