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बैसाख पूर्णिमा : 23 मई को है बैसाख पूर्णिमा मां लक्ष्मी का दिन,जानें इस दिन क्या करें और क्या न करें

बैसाख पूर्णिमा : पंचांग के अनुसार 30 तिथियों में पूर्णिमा तिथि को सबसे अधिक खास माना जाता है माना जाता है कि यह दिन सत्यनारायण भगवान और मां लक्ष्मी का दिन होता है।

इस साल वैशाख पूर्णिमा 23 मई गुरूवार 2024 को पड़ रही है। पूर्णिमा पर विष्णु जी के सत्यनारायण स्वरूप की पूजा, मां लक्ष्मी की उपासना और चंद्र को विशेष तौर पर अर्घ्य दिया जाता है। पूर्णिमा पर सकारात्मक ऊर्जा का संचार तेज हो जाता है। इस दिन दैवीय शक्तियां खास तौर पर सक्रिय रहती हैं।

यही वजह है कि पूर्णिमा के दिन की गई पूजा, पाठ, दान, स्नान सबका शुभ फल प्राप्त होता है जो लंबे समय तक सुख-समृद्धि देता है। लेकिन पूर्णिमा पर कुछ ऐसे भी काम हैं जो नहीं करें, जैसे तामसिक भोजन न खाएं, मदिरा से दूर रहें, अपशब्द न बोलें।

*इस दिन नही धोना चाहिए बाल*

शास्त्रों के अनुसार कहा गया है कि पूर्णिमा के दिन न तो बाल धोने चाहिए और न ही बाल कटवाने चाहिए । पूर्णिमा के दिन बाल धोने व कटवाने से आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ता है व धन की हानि भी हो सकती है साथ ही दरिद्रता का घर में वास होता है। पुरुष, विवाहित, अवविवाहित महिलाएं सभी के लिए पूर्णिमा पर बाल धोना अशुभ माना जाता है।

*काले वस्त्र*

पूर्णिमा के दिन काले वस्त्र पहनकर पूजा नही करनी चाहिए काले वस्त्र पहनकर पूजा करना लाभकारी नही होता है इसलिए इस दिन काले वस्त्र निषेध माने जाते हैं।

*तामसिक भोजन*

पूर्णिमा के दिन तामसिक भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए । इस मांस, मछली, प्याज ,लहसुन नही खाना चाहिए इनको खाने से माता लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं।

*नाखून नही काटने चाहिए*

पूर्णिमा के दिन बाल व नाखून नही काटने चाहिये बालों व नाखूनों को काटने के पश्चात उनको शरीर के मृत हिस्से के रूप में माना जाता है । इसलिए इस दिन नाखून काटना वर्जित माना जाता है।

*देर तक नही सोना चाहिए*

बैसाख पूर्णिमा के दिन देर तक सोने से बचें ऐसा करने से मां लक्ष्मी घर मे प्रवेश नहीं करती हैं। इस दिन जल्दी उठकर श्रीहरि और मां लक्ष्मी की उपासना करें।

पूर्णिमा के दिन चंद्रमा 16 कलाओं से पूर्ण होता है इसलिए इस दिन अर्ध्य देने से लाभ मिलता है।पूर्णिमा वह समय होता है जब चंद्रमा की ऊर्जा अपने चरम पर होती है, जो पृथ्वी पर सकारात्मकता और रोशनी बिखेलरती है, ऐसे वैशाख पूर्णिमा की रात चांद की रोशनी में बैठकर ध्यान करें। मान्यता है इससे रोगों का नाश होता है।

मान्यता है कि भगवान विष्णु को तुलसी बेहद प्रिय है, इसलिए पूर्णिमा के दिन गलती से भी तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। ऐसा करना अशुभ माना जाता है। इस दिन दान करने से करोड़ों गुना लाभ प्राप्त होता है।

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