
नैनीतालः 26 सितंबर को नैनीताल के खनस्यूं थाना क्षेत्र में एक 17 वर्षीय नाबालिग लड़की के लापता होने के पांच दिन बाद उसका शव क्षत-विक्षत अवस्था में मिला था। 17 वर्षीय नाबालिग की हत्या के इस मामले में पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है। पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि मृतिका के ही छोटे भाई ने अपने से दोगुने उम्र के युवक के साथ प्रेम संबंध की भनक लगने पर अपने से 1 वर्ष बड़ी बहन गीता की गला दबाकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने इस हत्याकांड में शामिल आरोपी के दोस्त सह आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया है।
मंगलवार को इस बहुचर्चित हत्याकांड का खुलासा करते हुए एसएसपी प्रह्लाद नारायण सिंह ने बताया कि पिछले माह 22 सितंबर को ग्राम कोटली निवासी धर्म सिंह के पुत्र शेर सिंह ने खनस्यूं थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी 17 साल की बेटी की 17 सितंबर को घर से लिपाई की मिट्टी लेने के लिए पास के जंगल में गई थी और तब से वह घर नहीं लौटी।
पिता द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर पुलिस ने एक टीम बनाकर तलाश शुरू की जिसमें गुमशुदा गीता का शव 26 तारीख को मनोज के मकान के पास घने बांज जंगल मे पेड़ो के नीचे दबा मिला। शव मिलने की सूचना पर एस. एस. पी. और फोरेंसिक टीम मय फोर्स के मौके पर पहुंची। आई.ओ. ने मामले में धारा 365 आईपीसी को धारा 302/201 आई.पी.सी. में बदल दिया।
पुलिए अधिकारियों के दिशा-निर्देशन पर फॉरेंसिक और पुलिस टीम ने घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया। जांच के दौरान पता चला कि गीता का 35 वर्षीय त्रिलोक से अवैध रिश्ता था, जिसे त्रिलोक की पत्नी ने देख लिया था। इसके बाद त्रिलोक की पत्नी और मृतक गीता की मां के बीच काफी बहस हुई।
गीता के इस रिश्ते से उसका छोटा भाई काफी नाराज हुआ और जब गीता घर नहीं आयी तो उसे ढूंढते हुए पहाड़ो में बनी पखडंडियों से होते हुए जंगल पहुंचा जहां गीता के मिलने पर उसके ही दुपट्टे से उसका गला घोंट कर उसकी हत्या कर दी और शव को पहाड़ की पगडण्डी के किनारे छुपा दिया। अगले दिन आरोपी के छोटे भाई ने त्रिलोक सिंह पर दबाव डाला कि अगर उसने अपनी बहन के शव को घटनास्थल से कहीं और छिपाने में सहयोग नहीं किया तो वह अपनी बहन की हत्या की साजिश में त्रिलोक को भी फंसा देगा।
पुलिस ने दोनों को हिरासत में लिया
इसके बाद दोनों ने मिलकर शव को घटनास्थल के पास बांज के पेड़ों के पास छिपा दिया। इस मामले में पुलिस ने मृतक के छोटे नाबालिग भाई और शव को छिपाने में मदद करने वाले सह-आरोपी त्रिलोक सिंह को हिरासत में लिया, जबकि मुख्य आरोपी उसके पिता-संरक्षक शेर सिंह पर जेजे एक्ट के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया।
*पूरी जानकारी हेतु ये खबर पढ़ें👇👇👇*