उत्तराखंड

वन कर्मियों ने किया दुर्लभ ‘रेड कोरल खुकरी’ साँप का रेस्क्यू

Forest workers rescue rare 'Red Coral Khukri' snake

Forest workers rescue rare ‘Red Coral Khukri’ snake

डौली रेंज @Mukesh Kumar : डौली रेंज वन कर्मियों दिनाक 07/07/2022 को रात्रि शान्ती पुरी नंबर 3 श्री गोविंद सिंह कार्की के घर पर एक लाल रंग के साँप देखे जाने की सूचना पर , सांप रेस्क्यू विशेषज्ञ सोनू कार्की एवम् स्थानीय वन कर्मियों को मौके पर भेजा गया।रात्रि में अंधेरा अधिक होने के कारण सांप को रेस्क्यू नही किया जा सका।

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08/07/22 को प्रातःकाल पुनः वन कर्मियों द्वारा सांप की खोजबीन हेतु अभियान प्रारंभ किया गया जिसे सकुशल रेस्क्यू कर सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया है। सांप लाल रंग का होने के कारण लोगों में कोतुहल का विषय बना रहा।साँप को देखने के लिए काफी भीड़ मौके पर जमा हो गई।

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डौली रेंजर अनिल जोशी से जानकारी लेने पर उनके द्वारा बताया गया कि “ रेस्क्यू किया गया साँप एक दुर्लभ रेड कोरल खुकरी साँप है। यह केवल तीसरी बार है जब सांप को उत्तराखंड में देखा गया. इससे पूर्व 2015 में खटिमा क्षेत्र में , 2020 नैनीताल ज़िले तथा अभी ऊधम सिंह नगर ज़िले के शांतिपुरी क्षेत्र में मिला है।अति दुर्लभ श्रेणी में आने वाला यह एक विष रहित होता है छोटे जीव जंतु, चूहे, मेढ़क इसका भोजन है

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प्रभागीय वनाधिकारी संदीप कुमार ने बताया कि , “ इस दुर्लभ प्रजाति के साँप के आंकड़े संधारित किए जा रहे है जिस पर भविश्य में रिसर्च की जाएगी । जब सांप और अन्य सरीसृपों की बात आती है तो तराई का पूरा लैंडस्केप इनके लिए अनुकूल है । यह नमूना अत्यंत दुर्लभ है इनके बेहतर संरक्षण उद्देश्यों के लिए आवास की उपयुक्तता और सामुदायिक भागीदारी पर वन विभाग काम कर रहा है।

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वन अधिकारियों की एक रिपोर्ट के अनुसार, रेड कोरल कुकरी सांप को पहली बार 1936 में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी क्षेत्र में देखा गया था। तब इसे अपना वैज्ञानिक नाम ‘Oligodon Kheriensis’ भी मिला। इसके कॉमन नाम में ‘कुकरी’ शब्द गोरखाओं के घुमावदार चाकू, खुखरी को दर्शाता है। इस शब्द का उपयोग इस सांप के घुमावदार, ब्लेड जैसे दांतों के कारण किया जाता है।

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