प्रतापनगर के मोटणा गांव निवासी त्रिलोक रावत, ऋषभ रावत और पारस रावत ने की रिकॉर्ड दर्ज करने की मांग
नई टिहरी, 30 सितम्बर (स.ह.): प्रतापनगर ब्लॉक के मोटणा गांव निवासी त्रिलोक रावत और उनके दो पुत्रों ऋषभ रावत और पारस बी रावत ने टिहरी बांध की झील में करीब साढ़े 12 किमी की तैराकी बगैर लाईफ जैकेट के पूरी की है। साहसिक खेलों के शौकीन रावत और उनके परिजनों का कहना है कि अभी तक राज्य स्तर पर तैराकी का कोई रिकार्ड मेंटेन नहीं है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि उनकी तैराकी के मापन को रिकार्ड में अंकित किया जाए। कहा कि टिहरी बांध की झील भारत ही नहीं ऐशिया की सबसे बड़ी कृत्रिम झील है।
वीरवार को मोटणा गांव निवासी त्रिलोक रावत, उनके पुत्र ऋषभ रावत (20) और पारस बी रावत (15) ने सुबह 9 बजे कोटी कालोनी के बोटिंग प्वाइंट से बगैर लाइफ जैकेट के टिहरी बांध की झील में तैराकी की शुरू की। तीनों ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए मोटणा रोपवे के पास तक तैराकी की। त्रिलोक रावत ने करीब साढ़े 12 किमी की दूरी 4 घंटे 15 मिनट में पूरी की। जबकि ऋषभ रावत ने 12 घंटे की दूरी 3 घंटा 50 और पारस रावत ने 3 घंटा 45 मिनट में पूरी की। बताया कि ऋषभ ने अभी हाल ही में 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की है जबकि पारस कक्षा 10 में अध्ययनरत है। त्रिलोक रावत समाजसेवी हैं। और वर्तमान में प्रतापनगर विधायक विजय सिंह पंवार के प्रतिनिधि भी हैं। उनका कहना है कि टिहरी झील में तैराकी करना आसान नहीं है। लगातार लहरों उठती हैं जिस कारण बैलेंस बनाने में दिक्कत होती हैं। कहा कि बगैर लाइफ जैकेट के उन्होंने अपने पुत्रों के साथ तैराकी की है। सरकार से मांग की है कि तीनों के तैराकी के रिकॉर्ड को दर्ज किया जाए। भविष्य में वह साहसिक खेलों के क्षेत्र में और आगे कार्य करना चाहते हैं। तैराकी पूरी करने पर पूर्व दायित्वधारी अतर सिंह तोमर ने तीनों का स्वागत करते हुए कहा कि इस बाबत पर्यटन और खेल मंत्री से भी बातचीत करेंगे। उन्होंने तीनों को सम्मानित किया।
फोटो-30एनटीएच06-07
टिहरी बांध की झील में बगैर लाइफ जैकेट के तैराकी करने वाले पिता-पुत्रों को पूर्व राज्यमंत्री अतर सिंह तोमर ने किया सम्मानित।