उत्तराखंड

देहरादून: इस विभाग के कर्मचारियों की दीवाली से पहले छुट्टियाँ हुई रद्द , जानें क्या रहा कारण

देहरादून :- दिवाली के त्योहार के मौके पर देखा गया है कि उल्लू , मोर व अन्य प्रजातियां जिनको त्यौहार के दृष्टिगत पूजा के अंतर्गत मान्यता दी गई है ऐसे जानवरों का शिकार किया जाता है जिसको देखते हुए उत्तराखंड वन विभाग सतर्क हो गया है और फैसला लिया है कि दीवाली तक किसी भी कर्मचारी की छुट्टी स्वीकार नही होगी। इसीलिए दिवाली के मौके पर उत्तराखंड में सभी वन कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। साथ ही उत्तराखंड के नेशनल पार्क में भी वन कर्मियों की छुट्टियों को रद्द किया गया है।

उत्तराखंड फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने बताया कि दिवाली के मौके पर वन माफिया व शिकारी बहुत अधिक सक्रिय हो जाते हैं इसलिए जंगलों की सुरक्षा को देखते हुए ये फैसला लिया गया है। उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में भी अधिकारियों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। साथ ही कॉर्बेट नेशनल पार्क में जंगल के अंदरूनी इलाकों में वन कर्मियों को अधिक समय तक और लगातार गस्त करने की सलाह दी गई है वन माफिया व शिकारी जंगलों व जंगली जानवरों को किसी तरह का नुकसान ना पहुंचाएं।

बता दें कि दीवाली त्यौहार के उल्लू मोर जैसे जानवरों को पूजे जाने के चलते ऐसे समय में शिकारी और वन माफिया सक्रिय हो जाते हैं और जंगली जानवरों को नुकसान पहुंचाते हैं। साथ ही जंगली जानवरों के शिकार के लिए भी जंगलों में घुस आते हैं। इसमें सबसे अधिक खतरा उल्लू और मोर को होता है। जादू टोने के लिए उल्लू की बलि देने के लिए व मोर के पंखों को शुभ माने जाने के अंधविश्वास के चलते शिकारी इनको पकड़ने जंगल में घुस आते हैं। मोर उल्लू व अन्य जानवरों की इनकी सुरक्षा को देखते हुए उत्तराखंड वन विभाग द्वारा अगले आदेशों तक सभी वन कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी है।

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